शाम के करीब साढ़े पांच बजे अवंतिका की आंख खुली तो उसने देखा कि अनंत उसके ऊपर सोया हुआ है और अवंतिका का एक उभार अब भी उसके मुंह में ही भरा हुआ हुआ।
अनंत को ऐसे देख अवंतिका मुस्कराई और बोली "I know कि तुम कितना ज्यादा तरसे थे इन लम्हों के लिय इसलिए तो कल तुम्हे तुम्हारे दिल का ही करने दिया। अपना प्यार तो फुर्सत में लुटाऊंगी तुम पर, जब तुम्हे मेरी जिद्द भरी हरकतें और जुनून भरा प्यार देखने को मिलेगा।" इतना बोल वो अनंत का सिर सहलाने लगी।

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